मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में रहने वाले सतीश कुमार (40 वर्ष) की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. कुछ साल पहले तक वह एक साधारण कैब ड्राइवर थे. हर रोज शहर की सड़कों पर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाते हुए, उनके मन में एक ख्वाहिश पनप रही थी – अपनी किस्मत खुद लिखने की ख्वाहिश. आज वह शख्स करोड़ों का मालिक है और सड़कों पर दौड़ती है उनकी 50 लाख रुपये की लग्जरी गाड़ी, लेकिन इस गाड़ी की खास बात ये है कि ये किसी कंपनी का ऑफिसर या बड़े व्यापारी को नहीं, बल्कि सब्जियां बेचने वाले सतीश कुमार को ले जाती है!
सतीश कुमार का जीवन आसान नहीं था. गरीबी के साये में पले-बढ़े सतीश ने छोटी उम्र से ही मजदूरी करनी शुरू कर दी थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कैब ड्राइवरी का सहारा लिया. यात्रियों को शहर भर में घुमाते हुए उनकी निगाह अक्सर उन किसानों पर पड़ती थी जो मंडियों में सब्जियां बेचने के लिए जद्दोजहद कर रहे होते थे. कभी-कभी उन्हें औने-पौने दाम में ही अपनी फसल बेचनी पड़ती थी. उनकी व्यथा को देखते हुए सतीश के दिल में एक तरंग उठी, उन्हें लगा कि वह किसी ना किसी तरह इन किसानों की मदद कर सकते हैं.
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और फिर सतीश ने कुछ ऐसा किया जिसने उनकी जिंदगी ही बदलकर रख दी. उन्होंने एक दिन बिना किसी देरी के अपनी कैब को सब्जियों से भर दिया. सीधे खेतों तक जाकर उन्होंने वहां से ताजी सब्जियां खरीदीं और शहर में बेचना शुरू कर दिया. यह एक छोटा सा प्रयास था, मगर यही छोटा सा प्रयास उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
शहर के लोगों को सतीश की दुकान पर हमेशा ताजी और सस्ती सब्जियां मिलने लगीं. उनकी ईमानदारी और मेहनत की जल्दी ही रंग जमी और उनका कारोबार फलने-फूलने लगा. कुछ समय बाद सतीश ने बिचौलियों को दरकिनार कर सीधे किसानों से थोक में सब्जियां खरीदनी शुरू कर दीं. इससे न सिर्फ उन्हें अच्छी क्वालिटी की सब्जियां मिलने लगीं बल्कि किसानों को भी उनकी फसल का बेहतर दाम मिलने लगा. यही वह तरीका था जिसने सतीश और किसानों, दोनों की जिंदगी बदल दी.
आज सतीश कुमार उज्जैन के सबसे सफल “किसानों” में से एक बन चुके हैं. हालांकि, वह खेती नहीं करते, लेकिन किसानों से सीधे जुड़े होने और उनकी उपज को बेहतर दाम दिलाने में अहम भूमिका निभाने के कारण उन्हें ये उपाधि मिली है. उनकी लग्जरी गाड़ी शायद उन्हें आम सब्जी विक्रेताओं से अलग करती है, लेकिन उनकी निष्ठा और जमीन से जुड़ाव उन्हें जमीर का सच्चा व्यापारी साबित करता है.
सतीश कुमार की कहानी हमें यह सीख देती है कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और दूसरों की मदद करने की भावना से कोई भी मुश्किल आसानी से पार की जा सकती है. वह उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो अपनी जिंदगी में कुछ खास करना चाहते हैं और अपनी किस्मत को अपने हाथों में लेना चाहते हैं. सतीश ने न सिर्फ अपनी, बल्कि उन किसानों की भी जिंदगी बदल दी जिनके साथ उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. उनकी कहानी साबित करती है कि तरक्की का कोई निश्चित रास्ता नहीं होता, बस जुनून और मेहनत हो तो सफलता कदम चूमती है.