भारतीय ऑटो उद्योग इन दिनों खुशियों का सिलसिला मना रहा है! पिछले साल सितंबर से ही रिकॉर्ड बिक्री का दौर जारी है। इसकी कई वजहें हैं, जिनमें से सबसे अहम है सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए शुरू की गई योजनाएं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है। आइए, इस सफलता की कहानी के विभिन्न पहलुओं पर गौर करें।
ग्रामीण इलाकों में पैसों की बहार, गाड़ियों की बयार!
सरकार द्वारा एमएसपी में बढ़ोतरी का सीधा असर किसानों की आय पर पड़ा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खुशहाली आई है। लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आया है, जिससे उनकी बचत क्षमता भी बढ़ी है। नतीजतन, अब ग्रामीण क्षेत्रों में गाड़ी खरीदना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। खासतौर पर, दोपहिया वाहनों की बिक्री में ग्रामीण इलाकों का योगदान उल्लेखनीय है। गांवों और कस्बों में आने-जाने के लिए दोपहिया वाहन एक बेहतर विकल्प साबित हो रहे हैं।
आंकड़ों की कहानी, बिक्री का शानदार प्रदर्शन!
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया के अनुसार, अप्रैल 2024 में दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 33% का इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी बाजार में भी गाड़ियों की मांग काफी बढ़ गई है। तीन पहिया वाहनों की बिक्री में भी 9% की वृद्धि देखी गई है। यात्री वाहनों की बिक्री 16% और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी 2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आंकड़ों के ये आंकड़े स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि भारतीय ऑटो सेक्टर पूरे जोश के साथ आगे बढ़ रहा है।
बढ़ती मांग और नई पेशकश!
रिकॉर्ड बिक्री के पीछे सिर्फ ग्रामीण खुशहाली ही नहीं, बल्कि बाजार की कई और सकारात्मक स्थितियां भी हैं। गाड़ियों के नए मॉडल बाजार में आ रहे हैं, जिससे ग्राहकों के पास चुनने के लिए अधिक विकल्प मौजूद हैं। पहले से बेहतर फीचर्स और किफायती दाम ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। यात्री वाहनों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है, जिसका एक कारण मॉडलों की बेहतर उपलब्धता और बाजार का सकारात्मक रुझान माना जा सकता है।
एसयूवी का दबदबा बरकरार!
भारतीय बाजार में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। यह गाड़ी युवाओं और परिवारों दोनों के बीच खास पसंद है। सुरक्षा और आराम के लिहाज से लोग एसयूवी को तरजीह दे रहे हैं। वाहन निर्माता कंपनियां भी नए-नए फीचर्स वाले एसयूवी मॉडल पेश कर रही हैं। FADA के अनुसार, एसयूवी बाजार में 50% हिस्सेदारी रखती है और यह श्रेणी लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है।
विकल्पों की भरमार, भारतीय बाजार की रौनक!
भारतीय ऑटो उद्योग की एक और खास बात है, ग्राहकों को मिलने वाले विकल्पों की भरमार। इलेक्ट्रिक वाहन (EV), पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और हाइड्रोजन जैसे ईंधन से चलने वाले वाहन बाजार में मौजूद हैं। ग्राहक अपनी जरूरत और सुविधा के हिसाब से गाड़ी का चयन कर सकते हैं। यही वजह है कि भारतीय ऑटो सेक्टर की रिकॉर्ड बिक्री का सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।