भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी ने देश के तकनीकी परिदृश्य में एक ऐतिहासिक छलांग लगाकर, दूरसंचार के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने की तैयारी कर ली है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और लक्जमबर्ग की दिग्गज कंपनी SES के सहयोग से गठित ज्वाइंट वेंचर ‘ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया’ को भारत में सैटेलाइट के जरिए गीगाबिट फाइबर इंटरनेट पहुंचाने की मंजूरी मिली है। यह अनुमति अंतरिक्ष रेस में एक निर्णायक मोड़ है , जिसने अंबानी को वैश्विक सैटेलाइट इंटरनेट दिग्गजों एलन मस्क की ‘ स्टारलिंक ‘ और जेफ बेजोस की ‘ कुइपर ‘ से मीलों आगे निकाल दिया है । ये दिग्गज अभी भी भारत में इस तकनीक को लाने के लिए सरकारी मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं ।
अंबानी की कंपनी को मिली यह मंजूरी , भारत के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच और गति को क्रांतिकारी रूप से बदलने वाली है । ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया को मुख्य रूप से तीन महत्वपूर्ण विभागीय स्वीकृतियां मिली हैं :
अंतरिक्षीय उपग्रहों का प्रक्षेपण
पहली मंजूरी अंतरिक्ष में सैटेलाइट स्थापित करने की है । यह कदम मानो सूचना के सुपर हाईवे को आकाश में बिछाने जैसा है । ये उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में घूमते हुए दूर- दराज के क्षेत्रों तक भी हाई- स्पीड इंटरनेट पहुंचाएंगे ।
हाई स्पीड इंटरनेट का तूफान
दूसरी मंजूरी दूरसंचार सेवाएं देने की अनुमति है । इसका मतलब है कि ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया भारत में इंटरनेट की रफ्तार को अभूतपूर्व रूप से बढ़ा सकता है । यह उन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा जहां अभी भी धीमी इंटरनेट कनेक्शन लोगों की डिजिटल प्रगति को बाधित कर रहे हैं ।
डिजिटल पहुंच का विस्तार
तीसरी अनुमति इंटरनेट गेटवे स्थापित करने की है । इससे पूरे देश में इंटरनेट की पहुंच का दायरा बढ़ेगा , खासकर उन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभी भी तेज इंटरनेट की सुविधा का अभाव है । यह सरकार के ” डिजिटल इंडिया ” अभियान को मजबूती प्रदान करेगा और देश में व्याप्त डिजिटल विभाजन को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।
हालांकि , यह रेखांकित करना जरूरी है कि ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया को अपनी सेवाओं को पूरी तरह से शुरू करने के लिए दूरसंचार विभाग से एक अंतिम अनुमति की आवश्यकता है । बहरहाल , रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पहले ही इस प्रोजेक्ट में भारी निवेश करने की बात कही है , इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि जल्द ही पूरे देश में सैटेलाइट इंटरनेट की क्रांति देखने को मिलेगी ।
यह अंतरिक्ष से इंटरनेट पहुंचाने के क्षेत्र में एक नया और रोमांचक अध्याय है । यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो , एलन मस्क की स्टारलिंक , जेफ बेजोस की कुइपर और बाकी कंपनियां इस तेजी से बढ़ते हुए बाजार में अपना परचम लहराती हैं ! इस रेस में अंबानी की बढ़त से भारत को न केवल तकनीकी क्षेत्र में बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में भी एक महत्वपूर्ण बढ़त मिल सकती है ।