सागर गुप्ता का नाम आज उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है, जो सपने देखते हैं और उन्हें हकीकत में बदलने का जज्बा रखते हैं। मात्र 26 साल की उम्र में सागर ने वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसे पाने के लिए लोग सालों भर मेहनत करते हैं। उन्होंने 600 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी की है!
उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से ताल्लुक रखने वाले सागर की कहानी यह बताती है कि जुनून और कड़ी मेहनत सफलता की राह को कितना आसान बना सकती है। बिजनेस के क्षेत्र में बचपन से ही रुचि रखने वाले सागर ने बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता के साथ मिलकर बिजनेस की दुनिया में कदम रख दिया।
वर्ष 2017 सागर के जीवन का turning point साबित हुआ। उनके पिता उस समय तक करीब 30 सालों से सेमीकंडक्टर ट्रेडिंग का कारोबार कर रहे थे। उसी साल सागर ने अपने पिता के साथ मिलकर एक नया बिजनेस शुरू किया।
22 साल के लड़के ने 4 साल में खड़ी कर दी ₹600 करोड़ की कंपनी
आमतौर पर युवाओं को इस उम्र में अपने करियर की दिशा चुनने में ही काफी उलझन रहती है। लेकिन सागर ने इस उम्र में ही अपने पिता के बिजनेस को आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया। दरअसल, सागर का सपना तो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का था, लेकिन नियति ने उनके लिए कुछ और ही रास्ता तय किया हुआ था।
2019 में सागर ने नोएडा में अपनी खुद की कंपनी लॉन्च की। कंपनी शुरू करना कोई आसान काम नहीं होता, लेकिन सागर ने अपने पिता के सहयोग से विभिन्न कंपनियों से संपर्क स्थापित किया। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें सैमसंग, तोशिबा और सोनी जैसे बड़े ब्रांड्स के लिए मैन्युफैक्चरिंग का ठेका हासिल हो गया।
सागर की लगन और मेहनत ने उनकी कंपनी को सिर्फ 4 सालों में एक बुलंद मुकाम पर पहुंचा दिया। आज उनकी कंपनी 100 से भी ज्यादा कंपनियों के लिए एलसीडी टीवी, एलईडी टीवी और हाई-एंड टीवी का निर्माण करती है। उनकी कंपनी हर महीने 1 लाख से भी ज्यादा टीवी तैयार करती है।
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मेहनत से 4 साल में खड़ी की कंपनी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2022-23 में उनकी कंपनी का रेवेन्यू 600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अब सागर टीवी मैन्युफैक्चरिंग के अलावा वाशिंग मशीन, स्पीकर और स्मार्ट वॉच जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने नोएडा में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी शुरुआत में जमीन, उपकरण और सुविधाओं को विकसित करने के लिए 400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। फिलहाल उनका सोनीपत में एक कारखाना है, जहां 1000 से भी ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी अगले 3 सालों में आईपीओ लाने की भी संभावनाएं तलाश रही है।
सागर गुप्ता की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए उम्र कोई बंधन नहीं होती। यदि आपके पास जुनून है और आप मेहनत करने को तैयार हैं, तो आप किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। सागर आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी कहानी हमें यह विश्वास दिलाती है कि यदि हम ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है।